राजधानी लखनऊ:-
प्रदेश में ऐसा मामला प्रकाश में आया जिसे सुनकर आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कठोर निर्णय के बाद आईपीएस पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है, इस वक्त यूपी कैडर के दो आईपीएस अधिकारी अपने ही विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से छुपते फिर रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में यह दो आईपीएस पुलिस विभाग के लिए ‘वांटेड’ हो गए हैं।
जिनमें से एक आईपीएस अफसर अरविन्द सेन हैं जोकि वर्ष 2003 बैच के आईपीएस हैं, डीआईजी पद पर तैनात थे। प्रदेश सरकार ने अरविन्द सेन को 22 अगस्त को निलंबित कर दिया था। दूसरे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार हैं जोकि 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, अंतिम समय महोबा के एसपी रहे। सूबे की सरकार ने मणिलाल पाटीदार को नौ सितंबर को निलंबित कर दिया था, ये दोनों आईपीएस अधिकारी अलग-अलग मामलों में अभियुक्त हैं, अब अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे हैं।
IPS अरविन्द सेन पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में 13 जून को मुकदमा दर्ज हुआ था, पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर ठगी और भ्रष्टाचार का आरोप लगा था जिसमें एसटीएफ की जांच की जांच के दौरान वह दोषी पाए गए थे। उनके द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत की अर्जी कोर्ट से रद कर दी गई थी, IPS अरविन्द सेन पूर्व सांसद मित्रसेन यादव के पुत्र हैं जोकि फैजाबाद निवासी हैं। पुलिस की टीमें लखनऊ से लेकर फैजाबाद व अंबेडकरनगर तक उनकी तलाश कर रही हैं। लेकिन वे पुलिस की गिरफ्त में न आकर छिपते फिर रहे हैं।
महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार पर 10 सितंबर को मुकदमा दर्ज हुआ था, लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण की अदालत ने मणिलाल पाटीदार के खिलाफ वारंट जारी कर रखा है, उनकी गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज के स्तर से एसआईटी तक गठित है, महोबा की पुलिस टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली से लेकर राजस्थान तक दबिश दे रही हैं लेकिन वे पुलिस की गिरफ्त में न आकर फरार चल रहे हैं।
महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी के वायरल वीडियो से विवादों में आए मणिलाल पर बाद में कई गंभीर आरोपों में जकड़ गए, एसआईटी की जांच में उन्हें भ्रष्टाचार एवं इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी माना है।
इन सभी मामलों के चलते उनकी गिरफ्तारी होनी है।