“शिक्षा का अंकुर फूटेगा,
ज्ञान का नया अलख जगेगा,
देश हमारा होगा आगे,
विश्व पटल पर ये चमकेगा।”
दिनांक 13.12.2020 को रोट्रैक्ट क्लब गोला “काशी” व रोटरी क्लब गोला छोटी काशी की टीम घने जंगलों के बीच रहने वाले वन टांगिया समुदाय के बीच पहुंची।आज प्रोजेक्ट अलख के चौथे चरण के तहत पूर्व में बच्चों को दिए गए गृहकार्यों का सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया गया।आज बच्चों के लिए सामान्य शिक्षण प्रक्रिया के स्थान पर स्वयं करके सीखने की प्रक्रिया पर बल दिया गया।
संस्था अध्यक्ष त्रिनयन राजपूत ने बताया कि सामान्यतः यह देखा जाता है कि छोटे बालक अपने हाथों द्वारा विविध प्रकार के कार्यों को सम्पन्न कर्ता है जो कि सार्थक एवं निरर्थक दोनों रूपों होते हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जो कार्य करके सीखा जाता है उसका अधिगम स्थायी रूप से बना रहता है।
यह विधि अधिगम की प्रभावशाली विधियों में से एक है।करके सीखने वाले कार्य से प्राप्त ज्ञान स्थायी,बालकेन्द्रित,क्रियाकेन्द्रित,रूचिपूर्ण,विविध कौशलों तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने वाला होता है।इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आज वन गाँव के बच्चों के लिए स्वयं करके सीखने की कक्षा का आयोजन किया गया। इस कक्षा में बच्चों ने विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा स्वयं करके हिन्दी,अंग्रेजी वर्णमाला,गिनतियों,रंगो की पहचान तथा अंग्रेजी में रंगो के नाम व राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में शिक्षा ग्रहण की। इस प्रकार ज्ञान प्राप्त करने से बच्चों के समय की बचत होती है और बच्चों के मनोरंजन साथ साथ कल्पना व निरीक्षण शक्ति का भी विकास होता है।
इस मौके पर बच्चों को बिस्कुट व चाकलेट का वितरण भी किया गया।
संवाददाता : संजीव यादव