राजधानी लखनऊ:-
प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पीड़ित परिवार समेत उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों से तमाम मुद्दों पर सवाल किए।
जिसके परिणाम स्वरूप मामले को संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी अपर मुख्य सचिव गृह साथ ही हाथरस जिला प्रशासन के अफसरों को तलब करते हुए कोर्ट ने पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों को बुलाया था। बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदेश की सरकार को पीड़ित परिवार के बिना सहमति अंतिम संस्कार करने समेत कई सारे मुद्दों पर जमकर फटकार लगाई।
पीड़िता के परिवार ने सुनवाई के दौरान अदालत में अपना पक्ष रखते हुए तीन प्रकार की मांग रखी, पीड़ित परिवार ने कोर्ट से कहा कि इस मामले को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए, साथ ही निवेदन करते हुए कहा कि गोपनीयता बनाए रखते हुए सीबीआई जांच के सभी तथ्यों को जांच पूर्ण होने तक पूरी तरह गोपनीय रखा जाए, साथ ही जांच जब तक पूर्ण नहीं होती है तब तक परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
हाई कोर्ट लखनऊ में पीड़िता के परिवार के पक्ष में प्रसिद्ध वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा ने तमाम दलीलें रखीं, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पर्स रखने के लिए एडिशनल एडवोकेट विनोद शाही ने कोर्ट में बहस करने पहुंचे।अदालत में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज करते हुए प्रदेश के DGP, अपर मुख्य सचिव और हाथरस के डीएम व एसपी से सवाल पूछे।
यूपी सरकार अदालत में कोई खास जवाब ना दे सकी और आगे अपना पक्ष रखने के लिए 2 नवंबर तक का समय मांगा। हाईकोर्ट ने पीड़िता के परिवार की बिना सहमति शव का अंतिम संस्कार कराने पर नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई, मामले सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार हर तरफ से घिरती दिखी। पीड़िता के परिजनों द्वारा की गई सुरक्षा की मांग पर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई। आपको बता दें कि अगली सुनवाई की तारीख 2 नवंबर को तय की गई है।