रिश्वतखोर दरोगा-
गोरखपुर एंटी करप्शन की टीम ने दरोगा को घूस लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार ।
मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के नाम पर दरोगा जी ने माँगी थी रिश्वत ।
एंटी करप्शन की टीम ने शिकायत के बाद की तत्काल कार्यवाही।
घूसखोर दरोगा को पकड़ कर अग्रिम कार्यवाही के लिए कोतवाली में लेकर पहुंची टीम। एक तरफ जहां यूपी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस पर काम करने का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ सरकार के जिम्मेदार हैं जो सरकार की इस मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं ऐसे ही एक सब इंस्पेक्टर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं जो सलाखों के पीछे भेज दिए गए।
दरअसल लालगंज थाना क्षेत्र के एक जागरूक युवक ने गोरखपुर एंटी करप्शन की टीम को दरोगा विजय प्रताप यादव के द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद आज एंटी करप्शन टीम ने दरोगा विजय प्रताप को 40,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता उमेश ने बताया कि एक आत्महत्या के मामले में 2 महीना पहले इन्हीं दरोगा ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और जब वह जांच में निर्दोष पाया गया तो इसके बाद भी दरोगा विजय प्रताप उस पर दबाव बनाने लगे कि एक लाख की रिश्वत दो नहीं तो मुकदमे में फंसा कर पूरी जिंदगी बर्बाद कर दूंगा। इसके बाद उमेश ने दरोगा को पहली किस्त के तौर पर ₹5000 दे दिए और बाकी की रकम 2 दिन बाद देने के लिए कहा, आज तक जगह और समय के अनुसार जब रिश्वतखोर दरोगा विजय प्रताप यादव बनकटी बाजार में पहुंचा तो वहां पर उमेश ने ₹40000 निकालकर दरोगा को दे दिए उसके बाद तुरंत एंटी करप्शन की टीम ने दरोगा विजय प्रताप को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
अब इस मामले को लेकर दरोगा के खिलाफ कोतवाली में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है जिसके बाद दरोगा को जेल भेजने की कार्रवाई होगी।
गोरखपुर एंटी करप्शन टीम के प्रभारी ने बताया कि उमेश नाम के एक युवक की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है जिसमें दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया और अब उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।