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इंटरनेट : वरदान या अभिशाप


Kanak Singh

इंटरनेट शब्द से आज हम सभी परिचित है.बच्चे हो या बड़े सभी इसका प्रयोग करना अच्छी तरह से जानते है.इंटरनेट पर सिर्फ एक क्लिक से किसी भी विषय पर जानकारी पा सकते है. सही अर्थो में देखा जाये तो इंटरनेट ने हमे दुनिया के हर कोने से जोड़ दिया है.आज चाहे विश्व के किसी भी देश में रह रहे व्यक्ति को संदेश भेजना हो या बार करनी हो.यह काम हम पल भर में कर सकते है.यह सिर्फ और सिर्फ इंटरनेट की वजह से ही संभव हुआ है.  यह जानकारियों का एक बड़ा संग्रह है जिसमे घरेलु व्यापारिक शैक्षिक जैसी लाखो वेबसाइट मौजूद है.इसे हम नेटवर्क का संग्रह भी कह सकते है.

इंटरनेट के माध्यम से आमजन का जीवन आसान हो गया है क्योंकि इससे हम घर के बाहर गए बिना ही अपना बिल जमा करना व्यापारिक लेन -देन करना सामान खरीदना आदि काम कर सकते है.अब ये हमारे जीवन का खास हिस्सा बन चुका है.  इंटरनेट ने लघु उद्योग को बढ़ाने में काफी मदद की है.व्यापारी  अपने उत्पादों को इंटरनेट के माध्यम से किसी शॉपिंग साइट पर विज्ञापन के द्वारा देश के कोने कोने से आर्डर पा सकते है.अब बनारस की बनारसी साड़ी बैंगलोर जा रहा है और कोलकाता का बालूचरी साड़ी लखनऊ आ रहा है.
फ्लिपकार्ट अमेज़न स्नैपडील से लोग कपडे से लेकर किताबे बिजली के उपकरण सब कुछ खरीद रहे है.  इंटरनेट ने शिक्षा के क्षेत्र में भी नयी क्रांति ला दी है.अब छात्रों को किसी भी विषय में जानकारी चाहिए तो वो गूगल या यूट्यूब पर जाकर जान सकता है.कला और साहित्य को जन जन  तक पहुंचाने में भी इंटरनेट का योगदान है.हम किसी भी साहित्यकार की रचना पढ़ सकते है.हर विषय की किताबें हमे इंटरनेट की मदद से मिल जाती है.  मनोरंजन का सबसे सस्ता और अच्छा साधन है इंटरनेट.हम संगीत टी वी कार्यक्रम सब हम देख सकते है.
यूट्यूब और गूगल ने हमारे सोच के दायरे को बड़ा दिया है.यूट्यूब तो अपने हुनर को दिखाने का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है.आप में कोई बह हुनर हो चाहे वह गायिकी हो नृत्य कला हो या पाक कला हो. आप अपना वीडियो बना कर यूट्यूब पर डाल दीजिये. आप रातो रात मशहूर हो सकते है.छोटे शहर की गृहणियां भी अब अपने कढ़ी और अचार बनाने की विधि शेयर करके प्रसिद्धि और पैसा दोनों पा रही है.  फेसबुक और व्हाट्सप्प ने हमे अपनों से जोड़े रखने का प्रयास किया है.ट्विटर के माध्यम से हम अपने अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए अपने विचारों को जन  जान तक पहुंचा सकते है.नेता हो या अभिनेता सभी लोग सामान्य जन  से जुड़ने के लिए इंटरनेट का ही सहारा लेते है
पर कई मायनो में यह हमारा दोस्त कम दुश्मन ज्यादा बनता जा रहा है.आज हर घर में फ़ोन है और हर फ़ोन में सस्ती इंटरनेट सेवा. सस्ते इंटरनेट ने हमे आलसी और निकम्मा बना दिया है. आज का युवा अपने दिन का ५-६ घंटे इंटरनेट के माध्यम से मनोरंजन में गुजारता है.पुस्तके और समाचार पत्र पड़ने का चलन कम होता जा रहा है व्हाट्सप्प आजकल अफवाह फ़ैलाने और अधकचरा ज्ञान बाटने का माध्यम बन गया है.कुछ लोग व्हाट्सप्प के संदेशों की सत्यता जाचे बिना ही अखंड सत्य मान लेते है. जो की बाद में बड़ी परेशानी का कारण बनता है.
सस्ते इंटरनेट ने बच्चो पर भी गलत असर डाला है.कई सारे छोटे बच्चे घर से बहार खेलने की वजाय फ़ोन में गेम खेलना पसंद करते है.जिससे उनमे स्वास्थय संबंधी समस्या उत्पन्न हो रही है.  इस तरह हम कह सकते है की इंटरनेट दो धारी तलवार की तरह है.इसलिए हमे इसका इस्तेमाल बहुत सोच समझ कर करना है.हमे इसका आदि नहीं बनाना है.

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