नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर INX मीडिया केस में रौचक मामला सामने आया है। तीन टॉप अधिकारियों ने ईडी को दिए बयान में कहा कि INX मीडिया को सिर्फ 4.62 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की मंजूरी मिली थी लेकिन वास्तव में 305 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश मंगवाया गया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि मंजूरी से इतर की रकम के निवेश की जानकारी रिजर्व बैंक को दी देनी चाहिए थी ताकि वह इस मामले में कार्रवाई कर सके।
आर्थिक मामलों के विभाग के तत्कालीन सचिव डी. सुब्बाराव ने अपने बयान में बताया कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) यूनिट को कंपनी से इस बात की पुष्टि करनी चाहिए थी कि क्या वास्तव में आईएनएक्स न्यूज प्राइवेट लिमिटेड में डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट हुआ है। अगर इसकी पुष्टि हो जाती तो यह सीधा-सीधा एफआईपीबी के निर्देशों का उल्लंघन का मामला था, तब एफआईपीबी यूनिट की जिम्मेदारी थी कि वह उचित फैसले के लिए बोर्ड को इससे अवगत कराए।