सीतापुर/बिसवां:-
जिले की बिसवां तहसील के अंतर्गत आने वाले अलीपुर में 11000 लाइन से करेंट लगने से युवक की मौत हो गई।
घटनास्थल पर पहुंचे संवादाता को गांव में चीख-पुकार व अफरा तफरी का माहौल दिखा, मृतक के परिजनों से से बात की गई तो बताया गया कि घर के पास से हाईटेंशन लाइन गुजरी है जिसके बगल में एक पेड़ लगा हुआ है इस पेड़ को कटवाने के लिए मैंने व ग्रामीणों ने तकरीबन 1 महीने पहले एप्लीकेशन दिया था लेकिन उस पर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया जिसके बाद कई बार जेई, लाइनमैन को व्यक्तिगत फोन करके भी पेड़ों को कटवाने के लिए निवेदन किया गया लेकिन उन्होंने पेड़ कटवाने से साफ साफ मना कर दिया।
ग्रामीणों के मुताबिक एक छोटा सा भी छोटा काम होता है तो एप्लीकेशन देने पर कोई भी सुनवाई नहीं की जाती है, अजय काम करवाने के पैसे मांगते हैं, जय को जब पैसे दे दो तो बोलते हैं मैंने लाइनमैन को रखा है उसे भेज रहा हूं, लाइनमैन पहले तो जाने में आनाकानी करता है फिर जब मौके पर पहुंचता है तो वह भी पैसे की मांग करता है और बोलता है कि हमें दारू मीट की पार्टी चाहिए तब जाकर आप का काम हो पाएगा।
ऐसे में मजबूर ग्रामीण उसके पीछे भी हजार, पंद्रह सौ खर्च कर अपना काम निकालने की सोच लेते हैं,आखिर मजबूर ग्रामीण करें भी तो क्या ऊपर के अधिकारी भी ग्रामीणों की नहीं सुनते।
इसी तरीके से बिजली विभाग की लापरवाही के चलते व जेई, लाइनमैन द्वारा बगैर घूस लिए लाइन से सटा ग्रामीण के दरवाजे पर लगा पेंड नहीं करवाया गया, जिसके परिणाम स्वरूप महेंद्र पुत्र कमलेंद्र के घर में बहन की शादी नजदीक थी जिसके चलते महेंद्र ने सोचा कि यदि बिजली विभाग ने नहीं करवाया है तो हम ही चढ़कर इस पेड़ की टहनियां काट देते हैं, नहीं तो दरवाजे पर आए मेहमानों के साथ कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है।
बिजली विभाग की लापरवाही व लाइनमैन के घूसखोरी रवैया से परेशान होकर महेंद्र ने खुद अपनी जान जोखिम में डाल पेड़ पर चढ़कर टहनियों को काटने का फैसला लिया, लेकिन महेंद्र को क्या पता था यहां अनहोनी हमारे साथ घट जाएगी।
महेंद्र चढ़ा तो उस समय तार में विद्युत का प्रवाह नहीं था, लेकिन पेड़ पर चढ़ने के बाद लाइट आ गई है और अर्थिंग पेड़ पर उतर आई जिसके चलते महेंद्र के पेड़ पर ही मृत्यु हो गई।
अब ग्रामीणों ने थाना पुलिस जेई लाइनमैन सब को फोन कर डाला, लेकिन थाने से पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची लेकिन इस घटना के ज़िम्मेदार बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर ना पहुंचा।
जेई को ग्रामीणों व ग्राम प्रधान के द्वारा कई बार फोन मिलाने के बाद ने भी घटनास्थल पर ना पहुंचने पर मौके पर पहुंचे दरोगा ने खुद कई बार फोन मिलाया लेकिन जेई लगातार झूठ पर झूठ बोलता जा रहा था-
हां सर आ रहा हूं…, पहुंच गया हूं…, 10 मिनट में आ जाऊंगा…, 20 मिनट में आ जाऊंगा…
लेकिन घटनास्थल पर दोपहर हो गए तब भी जेई व लाइनमैन कोई भी ना पहुंचा, जिसके बाद में इंडिया दैनिक के संवादाता ने भी जेई को फोन मिलाया ना पहुंचने का कारण पूछा तो जेई ने फिर झूठ बोलते हुए बताया कि मैं आ रहा हूं पास में हूं, मैंने लाइनमैन को भेज दिया है वहीं पर है पत्रकार ने बताया यहां पर तो लाइनमैन कहीं नहीं दिख रहा मुझे तो बोले उधर ही कहीं होगा , जब पत्रकार ने पूछा आप कहां है तू जेई ने आनाकानी करते हुए बताया मैं भी यही हूं, पत्रकार ने पूछा यहां पर कहां पर हैं तो लड़खाते हुए जेई बोला पावर हाउस के पास पड़ोस ही हूं, लेकिन किस जगह पर है यह बताने से साफ मना कर दिया।
लेकिन बिजली विभाग का ऐसा गैर जिम्मेदाराना रवैया देखकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है और धरना प्रदर्शन की चेतावनी दे डाली।
अब ऐसे में बिजली भाग के ऊपर कई सारे सवाल खड़े होते हैं-
क्या बिजली विभाग ऐसे गैर जिम्मेदाराना अधिकारियों के ऊपर कोई एक्शन लेगा या नहीं?
क्या बिजली विभाग के बड़े अधिकारियों की सांठ-गांठ से जेई व लाइनमैन क्षेत्र में में वसूली करते हैं, जिससे ऐसी तमाम घटनाएं घटित होती हैं?
आखिर कौन है ऐसी मौतों का जिम्मेदार?
ब्यूरोचीफ़ अनुज भदौरिया की रिपोर्ट