कानपुर नगर:-
⏩ऑपरेशन विजय के राष्ट्रीय महासचिव विवेश कुमार व न्यायिक प्रकोष्ठ के अधिवक्ताओं ने सभी बार एसोसिएशनों का जताया आभार
⏩वर्तमान पुलिस की कार्य व भाषा शैली जनता के उपयुक्त नहीं जिसमें बड़े सुधार की आवश्यकता -एडवोकेट प्रियंका
⏩नौबस्ता पुलिस द्वारा ऑपरेशन विजय के पदाधिकारियों व अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे के विरोध में गरजे कानपुर नगर के अधिवक्ता
संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड में न्याय से वंचित पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने हेतु आवाज उठा रहे “ऑपरेशन- विजय” की राष्ट्रीय अध्यक्ष व कई पदाधिकारियों एवं न्यायिक प्रकोष्ठ के अधिवक्ताओं सहित 45 लोगों के खिलाफ दर्ज एफआइआर के विरोध में कानपुर की सभी बार एसोसिएशनों ने संयुक्त रूप से 28 अगस्त 2020 को कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल की घोषणा की थी।
जिसका समर्थन करते हुए कपिल दीप सचान (महामंत्री) कानपुर बार एसोसिएशन एवं वीर बहादुर सिंह (महामंत्री) दि लायर्स एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे का जोरदार विरोध किया व संबंधित अधिकारियों से अधिवक्ताओं व अधिवक्ताओं के परिजनों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की।
वही ऑपरेशन-विजय की सह कानूनी सलाहकार (एडवोकेट) प्रियंका यादव ने कानपुर पुलिस द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को हिरासत में लेने के दौरान पुलिस की कार्यशैली की वीडियो बनाते समय क्षेत्राधिकारी गोविंद नगर विकास कुमार पांडे द्वारा जबरजस्ती मोबाइल छीनने का आरोप लगाते हुए सीओ के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की मांग रखी।
मीडिया से बात करते हुए ऑपरेशन-विजय के राष्ट्रीय महासचिव विवेश कुमार (एडवोकेट) व न्यायिक प्रकोष्ठ के अधिवक्ताओं ने दोनों ही बार एसोसिएशनों का दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इसी तरह सभी सम्मानित वरिष्ठ पदाधिकारियों व हमारे सभी अधिवक्ता बंधुओं का सहयोग मिलता रहा तो, ऑपरेशन-विजय का न्यायिक प्रकोष्ठ पीड़ित परिवारों के हित में मजबूती से अपनी बात उठाता रहेगा व किसी भी कीमत पर पुलिस व प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई को सहन नहीं करेगा।
पदाधिकारियों के बीच कानपुर कलेक्ट्रेट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील यादव उर्फ सागर यादव ने बताया, कि आज सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में लगातार संगीन अपराधिक घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें पुलिस प्रशासन रोक पाने में पूरी तरह नाकाम है। ऐसी स्थिति में हम अधिवक्ता गण व समाजसेवियों द्वारा पीड़ित परिवारों की सहायता में पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी आवाज दबाया जाना बहुत ही गलत है।जिसको हम अधिवक्ता गण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हड़ताल के समर्थन में अपनी बात रखने वाले अधिवक्ताओं में रामसेवक यादव (पूर्व अध्यक्ष) ,अरविंद दीक्षित (पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष), डी एन पाल (पूर्व उपाध्यक्ष), मधु यादव (पूर्व संयुक्त मंत्री), सुधीर कुमार यादव, बलजीत सिंह यादव, अनुराग सिंह यादव, नमन गुप्ता, टी एन कुशवाहा, आनंद गौतम, शिवा यादव, धर्मेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, सहित भारी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद रहे।