लखनऊ:- राजधानी लखनऊ में इंदिरानगर के पटेलनगर एक्सटेंशन 2 में रिहायशी इलाके में चल रही अवैध स्टील फैक्ट्री का मामला जो पहले भी सुर्खियों में रहा लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
ताजा मामला यह है कि सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर के घर के ठीक सामने तकरीबन 10 साल से अवैध रूप से स्टील फैक्ट्री संचालित है जिससे आए दिन कालोनी में शोर शराबा रहता है जिसके चलते डायरेक्टर के बेटे निशांक राय जो कि पेशे से पत्रकार हैं ने कई बार जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत की तथा साथ ही डायल 100 पर भी शिकायत की लेकिन इसका कोई प्रभाव न दिखा ना ही कोई कार्यवाही हुई। लेकिन कागजी तौर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम व पुलिस प्रशान को नोटिस जारी किया है कि फैक्ट्री का संचालन बंद करवाया जाए।
जिसके बाद भी फैक्ट्री मालिक अपना रुतबा दिखाते हुए हुए 4 से 5 ब्लैक कलर की ब्लैक फिल्म लगी सफारी से अपने गुर्गों के से साथ आता है और पुलिस द्वारा थाने में उठवाकर फर्जी मुकदमे लिखवाकर अंदर करवा देने की धमकियां देता रहता था। जिसके बाद आज रात्रि तकरीबन 10:30 बजे फैक्ट्री में लोहा काटा जाने लगा जिसकी वजह से मुहल्ले में सो रहे लोग भी जाग गए और गुस्से में झिल्लाए निशांक राय ने लोहा काटने को लेकर हस्ताच्छेप किया जिसकी वजह से पड़ोस में रह रहे फैक्ट्री मालिक के बेहद करीबी रामसिंह को नगावारा लगा और फैक्ट्री का सपोर्ट करते हुए पीड़ित निशांक राय को मारने पीटने पर आमदा हो गए,और हाथापाई सुरु कर दी जिसमें पीड़ित निशांक राय का मोबाइल मोबाइल भी छीन लिया गया।
जिसके बाद पीड़ित के फैक्ट्री मालिक का गुर्गा भानुप्रताप भी आ गया और रामसिंह के साथ मिलकर निशांक राय को गंदी – गंदी गालियां देते हुए घर पर पथराव शुरू कर दिया।जिसके डर से पीड़ित ने कई बार डायल 100 को कॉल किया लेकिन पुलिस तो आई लेकिन पीड़ित का ना तो मोबाइल फोन दिला सकी और ना ही मामले को शांत करा सकी,उल्टे पुलिस पीड़ित पर ही धौंस जमाते हुए थाने चलने के लिए दबाव बनाने लगी जिसके चलते पीड़ित डर के मारे मौके से भाग निकला। जिसके बाद पुलिस रात्रि 11:30 बजे के बाद पीड़ित के घर दीवार फांदकर घुस गई और पूरे घर की वीडियो बनाने लगी साथ ही शिकायतकर्ता के पिता जोकि सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर थे जिनको पुलिस जबरदस्ती उठा ले गई साथ इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छोटे भाई को भी ले गई।
जान बचाकर भागे निशांक राय अपने पिता जी का मोबाइल फोन लेकर निकले थे जिसपर एक नए नंबर से फोन आया और पीड़ित को पिताजी से बात करवाई,फिर एक पुलिस कर्मी ने पीड़ित को धमकाते हुए मां बहन की गालियां देते हुए थाने आने के किया बोला जिसकी पूरी कॉल रिकॉर्डिंग पीड़ित के पास है साथ कई पत्रकारों को भी फारवर्ड कर दिया है।
लेकिन सबसे सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि आरोपियों पर कोई भी कार्यवाही न करते हुए पीड़ित के परिजनों को ही उठा ले गई पुलिस आखिर क्यों?
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नोटिस जारी करने के बावजूद भी क्यों नहीं हटाई जा रही अवैध फैक्ट्री?