लखीमपुर खीरी:-
दिनांक 29.11.2020 को रोट्रैक्ट क्लब गोला “काशी” व रोटरी क्लब गोला छोटी काशी की टीम घने जंगलों के बीच रहने वाले वन टांगिया समुदाय के बीच पहुंची।आज प्रोजेक्ट अलख के तृतीय चरण के तहत पूर्व में बच्चों को दिए गए गृहकार्यों का सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया गया।आज बच्चों के लिए सामान्य शिक्षण प्रक्रिया के स्थान पर ई पाठशाला का आयोजन किया गया।
संस्था अध्यक्ष त्रिनयन राजपूत ने बताया कि केवल दृश्य या श्रव्य सामग्रियों द्वारा सीखा हुआ ज्ञान बहुत अधिक दिनों तक स्मृति में नहीं रहता है ,परन्तु श्रव्य-दृश्य सामग्रियों द्वारा प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।
श्रव्य-दृश्य साधन अनुभव प्रदान करते हैं।उनके प्रयोग से वस्तुओं तथा शब्दों का संबंध सरलता से जुड़ जाता है।बच्चों के समय की बचत होती है,जहां बच्चों का मनोरंजन होता है वहाँ बच्चों की कल्पना शक्ति तथा निरीक्षण शक्ति का भी विकास होता है।” वीडियो एक श्रव्य-दृश्य सामग्री है,इसमें बच्चों के इन्द्रियाँ सक्रिय रहती है,जिससे बच्चों को अधिक समझ आता है।वीडियो बच्चों को समझाने का एक अच्छा माध्यम है।जिससे हम बच्चों को ठीक प्रकार समझा सकते हैं।वीडियो श्रव्य-दृश्य सामग्री होने के कारण दोनों इंद्रिया सक्रिय रहती है और विषयवस्तु अधिक समय तक स्मृति पटल में रहती है,जिससे बच्चे को अधिक समय तक याद रहता है।
सचिव रचना मिश्रा ने कहा कि श्रव्य-दृश्य सामग्रियों की सहायता से अध्ययन को रोचक व प्रभावपूर्ण बनाया जा सकता है।इन सामग्रियों द्वारा सीखा ज्ञान न केवल छात्रों में उत्साह जागृत करता है वरन् सीखे हुए ज्ञान को लंबे समय तक अपने स्मृति पटल में संजोए रख सकता है।दूसरी और शिक्षक भी अपने अध्यापन के प्रति उत्साहित रहता है।परिणाम स्वरूप कक्षा का वातावरण हमेशा सकारात्मक बना रहता है।
ई पाठशाला में विभिन्न शैक्षिक वीडियो के माध्यम से बच्चों को गिनती,पहाड़ा,अंग्रेजी वर्णमाला का ज्ञान कराया गया तथा बच्चों को कुछ कविताएं व कहानियां भी सुनाई गयीं। सभी बच्चों ने इस ई पाठशाला में रूचि पूर्ण ढंग से शिक्षा ग्रहण की।
इस कार्यक्रम में रोट्रैक्ट क्लब गोला “काशी” के अध्यक्ष त्रिनयन राजपूत,सचिव रचना मिश्रा समेत तमाम अभिभावक व बच्चे मौजूद रहे।