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राजधानी की पुलिस चौकियां बनी टैक्सी स्टैंड।


लखनऊ:-

एक ओर प्रदूशण का बढता प्रकोप विश्व को खतरे में डाल कर मानवता वादियों के लिए सोचनीय है ।तो दूसरी ओर भारत में प्रदूशण का प्रकोप दिन पर दिन बच्चो सहित देश के तमाम नागरिकों के लिए बड़ी बीमारियों का कारण बन रहा है।परंतू देश के शहरीय हिस्सों का वातावरण सबसे अधिक प्रदूशित है ।चाहे वो भारत की राजधानी दिल्ली हो ,या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ , प्रदेश के लूट तंत्र के आगे जनता की जिन्दगी कोई माने नही रखती।लखनऊ मे प्रदूशण का मुख्य कारण सड़कों पर लगा अतिक्रमण और अवैध स्टैन्ड है ।जिम्मेदारो के संरक्षण मे अतिक्रमण माफियांओं ने पूरे लखनऊ की सड़कों पर कर रखा है ।

चाहे वो लखनऊ के बार्डर के थाना गुडम्बा,मडियांव,चिनहट,सरोजनी नगर ,आलमबाग,पारा हो या ठाकुर गंज,काकोरी हर हाइवे पर शासन व प्रशासन के संरक्षण प्राप्त अतिक्रमण व परिवहन माफियांओं का जबरदस्त कब्जा है।ये माफिया भी अकेले माल नही काटते पूरी ईमानदारी से सब का हिस्सा बराबर बांटते है चाहे वो अधिकारी हो या नेता ।पिछले लगभग 10से 15साल में इन माफियांओं ने अपनी पैठ इतनी मजबूत कर ली है कि सरकार किसी की भी आए या कोई अधिकारी आए परंतु इन के वर्चस्व पर कोई प्रभाव नही पड़ता । या ये कहे कि हर चीज यहाँ पर बिकती है बोलो जी तुम क्या क्या खरीदो गे।

परिवहन माफियांओं द्रारा राजधानी लखनऊ से जुड़े सभी हाईवे पर पूर्ण रूप कब्जा कर पुलिस की मिली भगत से धड़ल्ले से अवैध स्टैन्डों का संचालन कर राजस्व को तो साल का करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है साथ ही अवैध स्टैन्डों के कारण मडियाव , टेढी पुलिया,पुरनिया,कैसरबाग,चारबाग,पालीटेक्निक चौराहे ,बालागंज आदि सड़को पर भीषण जाम और जाम से फैलते प्रदूशण से लाखों,करोड़ो लोगो के स्वास्थ से खिलवाड़ किया जा रहा है परंतु प्रदेश मुखिया के सख्त आदेशों के बाद भी न तो ट्राफिक पुलिस को अवैध स्टैन्ड दिखते है न अवैध डीजल गाड़ियाँ यही हाल राजधानी पुलिस का है ।

चेकिग के नाम पर गली ,मोहल्ला,चौराहे पर दिखने वाली पुलिस अवैध स्टैन्डों और डग्गामार वाहनों से अनजान रहती है ।यही हाल प्रदूशण इस्पेक्टर और नगर निगम का है । कारण कुछ भी हो पर सच यही है कि सत्ता लोभी ,और अधिकारियों के दलालों द्रारा पूरी राजधानी की सड़कों पर कब्जा कर रखा है।जिस का हिस्सा सब मे बराबर बंटता है।यही हाल अतिक्रमण माफियांओं का है शहर के अंदर से लेकर बाहर तक लगभग सभी सड़को या फुटपाथों पर मंडियां धड़ल्ले से चल रही है विशेष कर थाना मड़ियांव अन्तरगत ताड़ी खाने से लेकर पुरनिया तक भिठौली चौराहे के पास हाईवे पर मौरंग ,बालू ,ईटा मंडी ।

गुडम्बा थाना अंतरगत टेढी पुलिया से पहाड़ पुर चौराहे तक फुटपाथ,साइकिल ट्रेक सब कब्जा कर करोड़ों की मंडी शाम होते ही सज जाती है। इसी प्रकार दुबग्गा हो या आलमबाग पूरी राजधानी मे प्रदर्शण और जाम का मुख्य कारण यही है ।जिम्मेदारो द्रारा भले ही जनता को आदेश के रूप मे लालीपाप दिए गए हो परंतु असली कारणो को हमेशा अन्देखा कर परिवहन और अतिक्रमण माफियाँओं को संरक्षण देने का कार्य किया जाता है ।क्यो कि इन माफियांओं की पकड़ राजनेताओं से लेकर आला अधिकारियों तक अच्छी होने के कारण इन्हे किसी कार्यवाई की सूचना पहले ही हो जाती है ।

और संरक्षण के कारण आज तक किसी भी विभाग द्रारा जनता की जान और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुचाने वालो पर कभी कानूनी कार्यवाई नही होती ।परंतु जिम्मेदारो की खामोशी पूरे शहर वासियों की जान के साथ सुविधाओं पर भी डाका डाल रहे लुटेरे एसी गाड़ियों मे ऐश काट रहे है।अगर अनुमान लगाया जाए तो अधिकारियों और मफियाओ का ये गठजोड़ हर माह सरकारी राजस्व का करोड़ों का बंदर बाट कर रहा है।

मो०ताहिर अहमद वारसी की कलम से

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