जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे बयान बयान देते हुए कहा कि में कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाएगा तब तक हमें चुनाव लड़ने व तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
भारतीय संविधान में धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले ज्यादातर प्रावधानों को पिछले वर्ष अगस्त में समाप्त कर दिया गया था जिसके बाद महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखा गया था।
महबूबा मुफ्ती अपनी रिहाई के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं तभी तिरंगा उठाऊंगी जब पहले की तरह राज्य का झंडा और कानून बहाल किया जाएगा।
साथी महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि जहां तक मेरी बात है तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता तब तक हमसे चुनाव से कोई लेना देना नहीं है।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के के द्वारा दिए गए इस बयान की सभी पार्टियों ने जमकर आलोचना की, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने महबूबा को देशद्रोही करार देते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने भी महबूबा मुफ्ती के इस बयान को भड़काऊ और गैर जिम्मेदाराना बताया।
पीडीपी कार्यालय के बाहर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जमकर धरना प्रदर्शन किया, प्रदर्शनकारियों ने पीडीपी दफ्तर के बाहर तिरंगा फहराने की कोशिश में थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया।