देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने 3000 अस्थाई कर्मचारी हटाए हैं। कंपनी के चेयरमैन मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गाड़ियों की बिक्री घटने की वजह से कर्मचारियों का अनुबंध आगे नहीं बढ़या गया है। कंपनी की सालाना आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि वाहन के विनिर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने में राज्य सरकारों को अहम भागीदारी निभानी होगी। राज्य सरकारों को समूचे वाहन उद्योग में अपनी भूमिका के महत्व के बारे में समझना होगा।
वाहन क्षेत्र में विनिर्माण को प्रोत्साहन देने में राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण: भार्गव वहीं दूसरी ओर, मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव का मानना है कि यदि राज्य सरकारें विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका को सही तरीके से नहीं निभातीं हैं तो नरेंद्र मोदी सरकार का अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पटरी से उतर सकता है।कंपनी की सालाना आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि विनिर्माण उद्योग को आगे बढ़ाने में राज्य सरकारों को भागीदारी निभानी होगी।
राज्य सरकारों को समूचे वाहन उद्योग में अपनी भूमिका के महत्व के बारे में समझना होगा। देश के सकल विनिर्माण घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वाहन क्षेत्र का हिस्सा 49 प्रतिशत है।राज्य सरकारों की भूमिका को रेखांकित करते हुए भार्गव ने कहा कि किसी उद्योग की परिचालन लागत को लेकर उन्हें अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। मारुति के चेयरमैन ने कहा कि राज्य सरकारों का कराधान काफी ऊंचा है। उदाहरण के लिए पेट्रोल पर कर काफी अधिक है। किसी व्यक्ति के लिये कार रखना कितना सुविधापूर्ण हो सकता है यह भी काफी कुछ राज्य सरकारों पर ही निर्भर है।