मध्यप्रदेश:-
रिपोर्ट धनुष धारी पान्डेय मिडिया राष्टीय पत्रिका अन्नत वक्ता मन्डल गोन्डा उत्तर प्रदेश ।
सबसे पहले उत्तर प्रदेश के समस्त पत्रकार मध्य प्रदेश सतना थाना कोटर के निवासी श्री पुष्पेन्द्र त्रिपाठी पर प्राणघातक हमले कि घोर निन्दा करते हुए कि माननीय मुख्य मंत्री श्री शिव राज सिह चौहान से उत्तर प्रदेश के समस्त पत्रकार यह मांग करते है कि पुष्पेन्द्र त्रिपाठी पर प्राणघातक हमला करने वाले अभियुक्त को तत्काल पकड़ कर जेल भेजा जाये तथा संलिप्त पुलिस कर्मी पर उचित कार्यवाही की जाएगी ताकि चौथा स्तम्भ बच सके।
बताते चले सतना जिले के दैनिक भास्कर के पत्रकार एव तहसील स्तर के पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री पंडित पुष्पेन्द्र पर समाचार संकलन करने निकलने पर पुलिस की सह पर पालतू गुड्डे दिनांक 28 अप्रैल2020 को सायं सात बजे बस अड्डा कोटर पर समाचार करने पहुचा ही था कि पहले से पुलिस द्वारा सह दिए गए गुन्डो ने पुष्पेन्द्र पत्रकार पर प्राणघातक हमला करने दिया और पत्रकार मरणासन्न।जानकर तथा इधर उधर के लोगो द्वारा मना करने पर छोड़ दिया तब श्री पुष्पेन्द्र त्रिपाठी किसी तरह थाने पंहुचे और थानाध्यक्ष को बताया कि हाल ही मे जिला बदर किए गये बदमाश उत्कल उर्फ सोनू पयासी पुत्र उग्रसेन पयासी तथा ददूवा तिवारी निवासी वार्ड सख्या 13 नगर परिषद कोटर को बताया तो थानाध्यक्ष ने सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिया तथा सब इंस्पेक्टर, श्री पंकज सिह बिष्ट के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोहरा पर भेज दिया तथा वहां से जिला चिकित्सालय मे भर्ती करा दिया पत्रकार पुष्पेन्द्र त्रिपाठी एक सप्ताह से ज्यादा भर्ती रहा बाद परिवार के लोग सही इलाज न होने के कारण चूकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस कोबिड 19 की डर से।
तथा डाक्टर की सलाह पर मेडिकल कॉलेज जबलपुर ले जाकर भर्ती करा दिया और वहां पर डाक्टर ने एक्सरे एम आर आई तथा सिटी स्केन किया और मेडिकल मे फैक्चर तथा हेड इंजरी की रिपोर्ट दिया और वह रिपोर्ट थाने पर भेजवा दिया गया परन्तु थानाध्यक्ष ने मामले को लीपा पोती कर अभियुक्त गण को थाने प्रशासन लाकर। छोड़ दिया गया।जिससे अभियुक्त गण परिवार वालो को अब जान से मार देने की धमकी देते है और कहते है कि पुलिस।मेरे साथ है तुम चाहे जितना पावर लगा लो हमारा कुछ बिगाड़ नही सकते इससे साफ स्पस्ट होता है कि पुलिस की सह पर पत्रकार पर प्राणघातक हमला हुवा है यदि उचित कार्य वाही न हुई तो पत्रकार बाध्य होकर माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र दामोदर दास से गुहार की जाएगी तथा एक आन्दोलन का अल्टीमेटम देकर मजबूरन आन्दोलन को बाध्य होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी मध्यप्रदेश के शासन एवं प्रशासन की होगी ।