हाथरस मामले की पीड़िता के घर पर भाई दूज पर पहली बार ऐसा हुआ कि दो भाइयों का टीका तीन में से सिर्फ दो बहनों ने किया। भाई दूज पर दोनों भाई दिनभर बहन को याद करते रहे। दूसरी ओर आरोपियों की बहन जेल में भाई को टीका करने नहीं जा सकीं।
इस गांव में पीड़िता के घर पर सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ तैनात है। घर वालों की सुरक्षा पूरी तरह की जा रही है। आने जाने वालों को पूरी पड़ताल के बाद ही मिलने दिया जा रहा है। किसी भी रिश्तेदार के आने पर सुरक्षाकर्मी परिवारवालों से तस्दीक कराते हैं कि वे उनके परिचित हैं या नहीं।
इसके बाद ही लोगों को घर में प्रवेश मिल पाता है। पीड़िता के पिता की बहन एक दिन पहले ही पहुंच गईं। उन्होंने अपने भाई व भतीजों का तिलक किया। वहीं पीड़िता की बहन भी आईं। पीड़िता की भाभी के परिजन भी गांव पहुंचे।
नाबालिग बताए जा रहे एक आरोपी की दो बहनें व मुख्य आरोपी संदीप की दो तथा रवि की तीन बहनें इंतजार करती रहीं। बताया गया कि दो दिन पहले परिवार के एक व्यक्ति जेल में मिलने के लिए गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी थी। उनसे कहा गया था कि भाई दूज पर भी बहनों की मुलाकात नहीं हो सकेगी। ऐसे में आरोपियों के घर से कोई बहन टीका करने के लिए जेल नहीं गई।