बरेली:-
जहां देश की तमाम पार्टियां अपनी साफ सुथरी छवि के तौर पर चुनाव लड़ती हैं वहीं इसी तरह कुछ समाजवादी पार्टी ने भी अपनी पार्टी के दागी व भ्रष्ट नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है, लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव के लाख प्रयासों के बावजूद भी पार्टी में कुछ जिम्मेदार पदों पर समाजसेवक के रूप में गुंडे बैठे हुए हैं, जोकि अपनी ही पार्टी के पदाधकारियों पर बेवजह दबाव बनाते हैं। हाल ही में ताजा मामला बरेली शहर का प्रकाश में आया है जहां पर समाजवादी पार्टी के महानगर कोषाध्यक्ष संदीप सिंह बग्गा एक ईमानदार व निष्ठावान पदाधिकारी हैं, जोकि सिक्ख समाज से हैं। संदीप बग्गा ने जिले में पार्टी को मजबूती प्रदान करते हुए तेजी से सिक्खों जोड़ने का कार्य किया है।
महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने महानगर कोषाध्यक्ष पर अपने निजी कार्यों हेतु पार्टी कोष का पैसा खर्च करने का लगातार दबाव डालते रहे, लेकिन महानगर कोषाध्यक्ष संदीप सिंह बग्गा ने महासचिव गौरव सक्सेना की बातों को अनदेखा करते हुए पार्टी कार्यों की जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे, कोषाध्यक्ष संदीप बग्गा को अपनी बात मनवाने के लिए महासचिव गौरव सक्सेना अपनी दबंगई पर उतारू हो गए और पिछली 12 दिसंबर को अय्यूब खां चौराहे पर संदीप बग्गा की कपड़े की दुकान पर अपने साथियों के साथ जा पहुंचा, कपड़े की दुकान पर संदीप बग्गा अपनी माता जी के साथ बैठे हुए थे, जहां पर गौरव ने पहुंचकर संदीप व उनकी मां के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए, गन्दी-गन्दी देते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए चला गया, जिसके बाद 13 दिसंबर को महानगर अध्यक्ष समीम सुल्तानी ने संदीप को पार्टी कार्यालय बुलाया जहां पर गौरव अपने साथियों के साथ पहले से ही मौजूद था, संदीप के पहुंचते ही गौरव उल्टी सीधी गालियां देते हुए मारपीट पर आमदा हो गए और जान से मारने की धमकी देते हुए पैर से जूता निकाल संदीप की ओर मारने के लिए दौड़ा जिसके चलते संदीप अपनी जान बचाकर भाग निकला, इस पूरी घटना के दौरान महानगर अध्यक्ष समीम सुल्तानी मूकदर्शक बने रहे।
गौरव की दबंगई व धमकी से डरे सहमे संदीप बग्गा ने सपा मुखिया अखिलेश यादव व उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को वॉट्सएप्प के माध्यम से शिकायती पत्र भेजा जिससे बौखलाए गौरव 15 दिसंबर को संदीप को फोन कर शिकायती पत्र वापस लेने के लिए कहा, बोला यदि वापस नहीं लेते हो तो तुम्हारे साथ पूरे परिवार को जान से मार दूंगा, कोई बचा नहीं पाएगा।
जिससे डरे सहमे संदीप ने अपर पुलिस उपमहानिदेशक बरेली को लिखित रूप में शिकायती पत्र सौंपा लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से आरोपित पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जब इस प्रकरण को लेकर इंडिया दैनिक ने पीड़ित संदीप बग्गा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मैंने समाजवादी पार्टी की नीतियों, कार्यशैली व राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के आचार विचार देख पार्टी जॉइन की थी जिसके चलते हमें महानगर कोषाध्यक्ष बनाया गया जिसको मैंने निष्ठापूर्वक निभा रहा था, लेकिन मेरे कार्यों में रोड़े के तौर पर महानगर महासचिव गौरव सक्सेना हमसे लगातार उलझते चले गए जोकि अब मेरी हत्या करवाने पर उतारूं हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जी व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम जी को मैं अपना आदर्श मानता हूं, मैं पार्टी की सम्पूर्ण जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते रहूंगा, हमें अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष पर पूरा भरोसा है कि हमें न्याय देते हुए ऐसे दबंग प्रवृत्ति के लोगों को अवश्य बाहर का रास्ता दिखाएंगे।
साथ ही बताया कि मैं गौरव के हमले व धमकियों के बाद से डरा हुआ हूं, मेरे घर में मेरी मां और मैं दो लोग ही रहते हैं।मुझे आने जाने पर डर लगता है कई बार मेरे आगे पीछे गाडियां लगी रहती हैं, जोकि गौरव ने आदमी लगवा रखे हैं।
यदि मुझे य मेरे परिवार के साथ किसी प्रकार की घटना घटित होती है तो उसके जिम्मेदार गौरव सक्सेना होंगे।
अब इस मामले में देखने वाली बात यह है कि समाजवादी पार्टी ऐसे नेताओं पर क्या एक्शन लेगी?
साथ ही पुलिसिया सिस्टम पर भी सवाल खड़ा होता है कि अपर पुलिस उपमहानिदेशक को शिकायती पत्र दिए जाने के बाद भी आरोपित पर कोई कार्यवाही नहीं हुई क्यों?