राजधानी लखनऊ:-
बचपन से समाजवादी एक गरीब परिवार में पले बढ़े महज 17 साल से कम उम्र में ही राजनीति की ओर रुख जमाने वाला वह युवा शख्स जिसकी मेहनत और लगन को देखते हुए 2016 में तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने छात्र सभा का प्रदेश सचिव नियुक्त किया जिसका पदभार मुलायम यादव सनी ने पूर्ण जिम्मेदारी पूर्वक निभाया।
लेकिन कुछ समय बाद समाजवादी पार्टी मैं उठापटक जोरों से हो गई और पार्टी की राष्ट्रीय पद की दावेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव करने लगे।
जिसके चलते समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव की छवि को निरंतर ठेस पहुंचता रहा। और भाई अपना व अपने बड़े भाई का अपमान सहन न कर सके और पार्टी छोड़ अपनी नई पार्टी बना ली जिसका नाम रखा समाजवादी पार्टी सेकुलर मोर्चा।
लेकिन चुनाव आयोग ने इसे आमान करार देते हुए नए नाम की मंजूरी दी जिसका नाम था प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया जिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव स्वयं बने। तब से निरंतर जमीनी स्तर मजबूत करने में स्वयं व उनके बेटे आदित्य यादव लगी हुई है।
हालांकि प्रदेश में देखा जाए तो पार्टी कब पूर्ण रूप से विस्तार हो चुका है। लेकिन इन दिनों के दौरान भी बाराबंकी के युवा छात्र नेता मुलायम यादव सनी ने समाजवादी पार्टी की तरफ रुकना जमाते हुए निकल पड़े आदित्य यादव के साथ अंजान रास्ते पर जिसकी कोई मंजिल पता न थी।
लेकिन इस युवा नेता के संघर्ष, मेहनत व ईमानदारी को देखते हुए पार्टी की गठन करने के कुछ समय बाद ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के निर्देशानुसार व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव की मौजूदगी में छात्र सभा प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई।
जिससे मुलायम यादव सनी ने शीर्ष नेतृत्व व मा० शिवपाल सिंह यादव को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी मेहनत व पार्टी के लिए मेरे कार्यों के देखते हुए मुझे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया(छात्रसभा) का प्रदेश महासचिव बनया गया है,मै पार्टी हाईकमान का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं,व यह शपथ खाता हूं कि पार्टी के द्वारा दी गई जिम्मेदारी का पूर्ण रूप से निभाऊंगा।