निफ़्टी ने अगस्त २०१९ डामाडोल स्थिति में बिता दिया ।
ऐसा लग रहा है की अब २०१९ की मोदी गवर्नमेंट के काम करने का तरीका शेयर मार्किट के बड़े खिलाडियों की समझ से बाहर है । सीथारमन की रणनीति तोह पूरे देश की समझ से बाहर है ।
मारुती ने हज़ारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्यूंकि ऑटो सेक्टर की बढाती दिक्कतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं । अभी दूसरी कम्पनीज भी लोगो को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही हैं ।
ऐसे में स्व रोज़गार के नाम पर आपको मुद्रा लोन लेना है तोह लीजिये लेकिन गलती से वह पैसा तब तक स्टॉक मार्किट म्यूच्यूअल फंड्स में मत लगाइएगा जब तक स्थिति स्टेबल न हो जाए ।
मोदी जी बड़ी बड़ी बातें करने में माहिर थे इसलिए सभी सेक्टर्स और इन्वेस्टर्स कुछ ज़्यादा आशावादी हो गए थे । पर अब की स्तिथि देखते हुए लग रहा है की उनका भ्रम भी टूट रहा है और ग्लोबल मार्केट्स भी कुछ बहुत बेहतर नहीं कर पा रहे हैं ।
कॉर्पोरेट अर्निंग्स में ज़्यादा बढ़त न होना और कॉर्पोरेट फ्रॉड और लोन फ्रॉड में बेलगाम बढ़त की वजह से निफ़्टी शायद पूरा सितम्बर इसी हाल में निकाल डे ।
ऐसे में अगर आपके पास कोई विशेष नॉलेज या स्किल सेट नहीं है तो कृपया स्टॉक मार्किट से दूर रहे और दिवाली का इंतज़ार करें । अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद ।
निशंक राय एडिटर इंडिया दैनिक ।