नई दिल्ली:-
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड जाने से साफ इंकार करते हुये कहा कि वो दिल्ली बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करते रहेंगे, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी (पंजाब) अध्यक्ष सुरजीत एस फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है, हम कभी बुराड़ी नहीं जाएंगे, वह पार्क नहीं बल्कि एक खुली जेल है।
जहां एक तरफ दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है।
Instead of going to open jail in Burari, we've decided that we will gherao Delhi by blocking 5 main entry points to Delhi. We've got 4 months ration with us, so nothing to worry. Our Operations Committee will decide everything: Surjeet S Phul, President, BKU Krantikari (Punjab) https://t.co/aH5xm26WAi pic.twitter.com/2L0yL7vVmf
— ANI (@ANI) November 29, 2020
जहां किसान सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए, किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया। गृहमंत्री द्वारा शर्त के साथ मीटिंग के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया, उधर किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील भी उनके समर्थन में उतर आए हैं।
Delhi: Senior Advocate HS Phoolka assembles with lawyers outside the Supreme Court to express solidarity with farmers of the 'Delhi Chalo' protest
"It is wrong to paint their protest in a political colour. Their demands are reasonable and the govt should accept them," he says pic.twitter.com/xo2ETiamOm
— ANI (@ANI) November 29, 2020
कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने कहा कि हमने फैसला लिया कि सभी बॉर्डर और रोड ऐसे ही ब्लॉक रखेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने शर्त रखी थी कि अगर हम मैदान में धरना देते हैं तो वो तुरंत मीटिंग के लिए बुला लेंगे। हमने शर्त खारिज़ कर दी है, अगर वो बिना शर्त के मीटिंग के लिए बुलाएंगे तो ही हम जाएंगे।