एक झकझोरती तस्वीर…
एक फूल सा बालक…
फूल बेचते – बेचते…
सडक पर ही…
भुखा सो गया..!
भुख मे भी नींद जीत गई..!
लेकिन फूल बेचने का भाव जागृत रहा ।
अपने व्यसनों पर… झूठी शान औ शौकत पर… दिखावे मे… अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने की अंधी दौड़ मे दौडते… अनाप – शनाप खर्च करने वाले… हम लोग !
अपने बचपन को छोडकर पेट के लिए संघर्ष कर रहे ऐसे मासूम बच्चों से क्या कुछ चीजें बिना वजह नही खरीद सकते ???
जीवन मे कुछ ऐसा सार्थक कार्य करके देखे..!
मन एक अलग ही सुखद अनुभूति से आलोकित हो जाएगा.!!
दीपावली पर ऐसे अनेक मासूम आपके आसपास होगे..!