Breaking News
Home / राज्य / उत्तर प्रदेश / गोरखपुर / अंकल-अंकल मेरे पापा को बचा लीजिए …

अंकल-अंकल मेरे पापा को बचा लीजिए …


गोरखपुर:-

कैंपियरगंज। सीएम साहब ! मेरे पापा गंभीर बिमारी से जूझ रहे हैं, हम लोगों के पास पैसा नहीं है जिससे इलाज करा सकूं,प्लीज मेरे पापा को बचा लीजिए, नही तो हम लोग अनाथ हो जायेंगे।पढ़ाई भी छूट जायेगी।क्या करें कुछ समझ में नही आ रहा है।
यह कहना गोरखपुर जनपद के कैंपियरगंज चौमुखा निवासी स्पाईनल ट्यूमर से ग्रसित उमेश कन्नौजिया के बच्चों का है।चार महीने से आन बेड उमेश कन्नौजिया को इलाज कराने की टकटकी लगी है, लेकिन बेबस व पैसों की लाचारी ने मजबूर कर दिया है और कक्षा 6,9और बीए की पढ़ाई कर रही पुत्री तथा पत्नी कोटे की राशन से पेट पाल रहे हैं।

मालूम हो कि कैंपियरगंज के चौमुखा निवासी उमेश कन्नौजिया पुत्र स्व.रामभज्जी उम्र 40 वर्ष सब्जी व परचून की दुकान चलाकर परिवार का जीवकोपार्जन चलाने व तीन बच्चों के पढाई का जिम्मा भी है।छ माह पूर्व स्पाईनल ट्यूमर हो गया है।गोरखपुर से लगायत लखनऊ तक इलाज के लिए भाग दौड़ किया।थक हार कर मेदांता अस्पताल पहुंचा जहां चिकित्सकों ने इलाज खर्च का 7.20 लाख रुपये का इस्टीमेट बनाया।पैसा नहीं होने के कारण उमेश चार माह से अपने घर बेड पर पड़ा हुआ है।परिजन इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम इकट्ठा नही कर पा रहे हैं।

इलाज के खर्च को कौन कहे ,भोजन कोटे के राशन से चल रहा है।बच्चों की पढा़ई छूट रही है।परिजनों को कुछ सूझ नही रहा है, बेबस व लाचार परिजन इलाज के लिए डीएम,विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर गुहार लगायी है।पीड़ित परिवार के लोगों का मुख्य पेशा कपड़ा धुलना है। पीड़ित परिवार के पत्र पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह ने इलाज के लिए मुख्यमंत्री को विवेकाधीन कोष से धनमुक्त करने का अनुरोध किया है।

About India Dainik

Check Also

कोरोना काल में बच्चों का भविष्य

🔊 पोस्ट को सुनें जहां दुनिया के सारे देश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *