कैबिनेट के फैसले एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय होगा, गेहूं के समर्थन मूल्य में 85 रुपए का इजाफा
दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को मालिकाना अधिकार दिया जाएगा
नॉन ऑयल कंपनियां भी फ्यूल रिटेल कारोबार कर सकेंगी
नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को रबी की फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी समेत कई अहम फैसले हुए। आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल का बीएसएनएल में मर्जर होगा। दोनों कंपनियों के रिवाइवल के लिए सरकार के लिए सरकार 29,937 करोड़ रुपए खर्च करेगी। 15 हजार करोड़ रुपए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए जुटाए जाएंगे। अगले चार साल में इन कंपनियों की 38 हजार करोड़ रुपए की संपत्तियां बेची जाएंगी। कर्मचारियों के लिए वीआरएस की योजना भी है।
कैबिनेट ने रबी की फसल के समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की मंजूरी भी दी। प्रमुख फसल गेहूं का एमएसपी 85 रुपए बढ़कर 1925 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, पहले 1840 रुपए था। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, रविशंकर प्रसाद और हरदीप सिंह पुरीने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
फसल एमएसपी पहले (रु/प्रति क्विंटल) एमएसपी अब (रु/क्विंटल) इजाफा (रु/क्विंटल)
गेहूं 1840 1925 85
जौ 1440 1525 85
सरसों 4200 4425 225
चना 4620 4875 255
कुसुम 4945 5215 270
मसूर 4475 4800 325
कैबिनेट के अन्य फैसले
दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को मालिकाना अधिकार दिया जाएगा।