झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने जनता दल (यूनाइटेड) के चुनाव चिन्ह ‘तीर’ को प्रदेश में फ्रीज कर दिया है। आयोग के इस फैसले के बाद जेडी(यू) के प्रत्याशियों और चुनाव की दावेदारी पर ग्रहण लग सकता है। गौरतलब है कि एनडीए का हिस्सा होते हुए भी जेडी(यू) ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
चुनाव चिन्ह प्रतिबंध की वजह
चुनाव आयोग ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की मांग पर जेडीयू के चुनाव चिन्ह को प्रतिबंधित कर दिया है। दरअसल, झामुमो का सिंबल तीर-धनुष और जदयू का सिंबल तीर है। दोनों चिन्ह एक प्रकार से होने पर मतदाता प्रतिबंधित ना हों इसलिए ऐसा किया गया है।
लोकसभा चुनाव का बदला
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो बिहार में चुनाव इसलिए नहीं लड़ पाई थी क्योंकि जेडीयू की शिकायत पर चुनाव आयोग ने झामुमो के चुनाव चिन्ह को वहां प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद झामुमो ने झारखंड में जेडीयू के सिंबल को प्रतिबंधित करने की मांग चुनाव आयोग से की थी। आयोग ने इसे मान लिया।
चुनाव की पूरी तैयारी में जेडीयू
जेडीयू झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए बिहार सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह को यहां का प्रभारी नियुक्त किया था। इस साल झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू पूरी ताकत से उतरने की तैयारी में थी। पार्टी ने जोर-शोर से अपना सदस्यता अभियान भी चलाया था।