राजधानी लखनऊ-
लखनऊ। निगोहां थाना क्षेत्र स्थित दखिना मे राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा निर्मित टोल प्लाजा पर अक्सर लगने वाले जाम के चलते मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है वहीं टोल टैक्स कर्मी भी जाम में फसने वाली एम्बुलेंस को नहीं निकलने देते हैं। और मरीजों को ले जाने वाली एम्बूलेंश को भी निकलने मे 15 से बीस मिनट लग जाते हैं। जिसमें पूरी तरह टोल प्रशासन की लापरवाही नज़र आती है। टोल कर्मी एम्बूलेश को देख व सायरन की आवाज सुन कर भी एम्बूलेश को जल्दी निकल वाने का प्रयास नही करते है। यह टोल कर्मी लोगों से अभद्रता करने से भी नहीं चूकते हैं।
जिसकी शिकायतें आए दिन पुलिस को मिल रही है। ऐसे ही एक मामले शिकायत क्षेत्रीय पत्रकार ने निगोहां थाने में प्रार्थना पत्र देकर पुलिस को अवगत कराया है। स्थानीय लोगों का कहना है टोल प्लाजा विकास के नाम पर महज एक छलावा साबित हो रहा है । लोगों को सुविधा के बजाय असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है की टोल प्लाजा से आसपास के लोगों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। टोल प्लाजा के आस पास के गांव के किसानों व अनय लोगों को अपने वाहन लाने व ले जाने के लिए टोल टैक्स अदा करने को मजबूर किया जा रहा है। जब भी किसी काम से टोल प्लाजा को पार करना पड़ता है तो लगता है जैसे कोई जंग में जा रहे हैं। क्योंकि उसे भी टोल टैक्स अदा करना पड़ता है।
इस टोल प्लाजा पर नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया कि तरफ से निर्धारित दिशा-निर्देश व नियमो की धज्जियां उडाना आम बात हो गई है। जिस कारण लोगो को प्रत्येक दिन सुविधा कम और परेशानी अधिक मिल रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगने के कारण जाम में कई एम्बुलेंस,स्कूल बस फंसी रहती है। जिस कारण मरीज समय से अस्पताल नहीं पहुँच पाते हैं यहां तक की प्रशासनिक वाहनों को भी जगह नहीं मिलने से उन्हें भी जाम का शिकार होना पड़ता है।
जिस कारण एक वाहन निकलने में करीब बीस से तीस मीनट लग जाता है। जिसको लेकर वाहनो की लम्बी कतार लग जाती है।
सड़क के दोनो किनारे ट्रक समेत अन्य वाहन खड़ा रहने से हमेंशा जाम की स्थिति बनी रहती है।अक्सर एनएच पर वाहनो की लाईन लगने के कारण सड़क पार करने के दौरान आने-जाने वाले वाहन दिखाई नही देने के कारण वाहनो के चपेट में आने से लोगो की मौत हो जाती है।
स्थानीय लोगो ने बताया कि सड़क दुर्घटना मे महीने में करीब पंन्द्रह से बीस लोगो को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है जिसमें लोगो की मौत भी हो जाती है।
रिपोर्ट मोहम्मद इश्तियाक शेरखान